जो नहीं हुआ,
वो नहीं हुआ !
तुम,
मातम क्यूँ मानते हो ?
तुम,
क्यूँ थक - थक यूँ जाते हो ?
हर " ना " मैं,
है एक जोश भरा,
तुम,
जोश वो लो,
उम्मीद भी लो,
जोश की ऊँगली थाम के तुम,
उम्मीद का दामन थाम के तुम,
तैयार रहो,
फिर उड़ने को !!!
जो नहीं हुआ,
क्यूँ नहीं हुआ ?
वो था ही नहीं,
जब,
तेरे लिए !
घबरा क्यूँ गए,
एक " ना " से तुम !!!
" ना " मैं तो सब,
व्यापार छुपा,
" ना " के ही तो,
सब झगडे हैं,
" ना " ही में तो,
संसार छुपा !
" ना " हो जाए तो,
ठेस लगे,
" ना " हो जाए तो,
ललक जगे !
" ना " से तो सब,
मूल्यांकन हो,
" ना " ही से तो,
संसार बढे !
" ना " ही तो है,
तडपाये जो,
" ना " ही तो,
प्यास लगाए वो !!!
जो नहीं हुआ,
वो नहीं हुआ,
तुम,
मातम क्यूँ मनाते हो ?
तुम,
क्यूँ थक - थक यूँ जाते हो ?
इसे समझो तुम,
इसे जानो तुम,
जीवन है,
हर एक " ना " मैं छुपा !
" ना " ही मैं तो है,
परम पिता !!!!!
धन्यवाद
हरीश
16/06/2012
वो नहीं हुआ !
तुम,
मातम क्यूँ मानते हो ?
तुम,
क्यूँ थक - थक यूँ जाते हो ?
हर " ना " मैं,
है एक जोश भरा,
तुम,
जोश वो लो,
उम्मीद भी लो,
जोश की ऊँगली थाम के तुम,
उम्मीद का दामन थाम के तुम,
तैयार रहो,
फिर उड़ने को !!!
जो नहीं हुआ,
क्यूँ नहीं हुआ ?
वो था ही नहीं,
जब,
तेरे लिए !
घबरा क्यूँ गए,
एक " ना " से तुम !!!
" ना " मैं तो सब,
व्यापार छुपा,
" ना " के ही तो,
सब झगडे हैं,
" ना " ही में तो,
संसार छुपा !
" ना " हो जाए तो,
ठेस लगे,
" ना " हो जाए तो,
ललक जगे !
" ना " से तो सब,
मूल्यांकन हो,
" ना " ही से तो,
संसार बढे !
" ना " ही तो है,
तडपाये जो,
" ना " ही तो,
प्यास लगाए वो !!!
जो नहीं हुआ,
वो नहीं हुआ,
तुम,
मातम क्यूँ मनाते हो ?
तुम,
क्यूँ थक - थक यूँ जाते हो ?
इसे समझो तुम,
इसे जानो तुम,
जीवन है,
हर एक " ना " मैं छुपा !
" ना " ही मैं तो है,
परम पिता !!!!!
धन्यवाद
हरीश
16/06/2012