July 21, 2012

क्या ढूंढते हो ? क्या खोजते हो ?

जो है ही नहीं,
वो मिलेगा क्या ?
जो मिल ही गया,
वो खो ही गया !

इन फूलों मैं,
इन पत्तो मैं,
इन मुस्काती सी कलियों मैं,

क्या ढूंढते  हो ?
क्या खोजते हो ?

जो है ही नहीं,
या,
जो मिल ही गया !

तन्हाई है,
रुसवाई है,
है दर्द,
दिल भी सौदाई है,
इस सौदाई से  दिल से तुम,
क्या पूछते हो ?
क्या ढूंढते  हो ?

जो है ही नहीं,
या
जो मिल ही गया ?

सब खेल हैं ये,
सब मेल हैं ये,
जी का ही जंजाल है सब,
बेनामी सब,
बेमेल है ये,

इन बेमतलब से शब्दों की,
इन बेनामी सी गलियों मैं,
क्या ढूंढते  हो ?

जो है ही नहीं ?

अब आ ही गए तो करीये  क्या ?
अरे, झूम ही लो,
कुछ घूम ही लो,
थोडा खेलो, इस जग मैं जरा,
थोडा ले लो, ये जग है भरा,

तुम उड़ लो उस बादल की तरह,
बह भी लो इस पानी की तरह,
छोडो  झंझट,
तुम मस्त रहो,
खोजो सब कुछ और,
वयस्त रहो,

दिल तो कहता ही रहेगा ये,

क्या ढूंढते हो ?
क्या खोजते हो ?

जो है ही नहीं,
वो मिलेगा क्या ?
जो मिल ही गया,
वो खो ही गया ?


धन्यवाद
हरीश
12-7-2012







June 15, 2012

जो नहीं हुआ - वो नहीं हुआ !

जो नहीं हुआ,
वो नहीं हुआ !

तुम,
मातम क्यूँ मानते हो ?
तुम,
क्यूँ थक - थक यूँ जाते हो ?

हर " ना " मैं,
है एक जोश भरा,
तुम,
जोश वो लो,
उम्मीद भी लो,

जोश की ऊँगली थाम के तुम,
उम्मीद का दामन थाम के तुम,

तैयार रहो,
फिर उड़ने को !!!

जो नहीं हुआ,
क्यूँ नहीं हुआ ?

वो था ही नहीं,
जब,
तेरे लिए  !

घबरा क्यूँ गए,
एक " ना " से तुम !!!

" ना " मैं तो सब,
व्यापार छुपा,
" ना " के ही तो,
सब झगडे हैं,

" ना " ही में तो,
संसार छुपा !

" ना " हो जाए तो,
ठेस लगे,
" ना " हो जाए तो,
ललक जगे !

" ना " से तो सब,
मूल्यांकन हो,
" ना " ही से तो,
संसार बढे !

" ना " ही तो है,
तडपाये  जो,

" ना " ही तो,
प्यास लगाए वो !!!

जो नहीं हुआ,
वो नहीं हुआ,

तुम,
मातम क्यूँ मनाते हो ?
तुम,
क्यूँ थक - थक यूँ जाते हो ?

इसे समझो तुम,
इसे जानो तुम,
जीवन है,
हर एक " ना  " मैं छुपा !

" ना " ही मैं तो है,
परम पिता !!!!!

धन्यवाद
हरीश
16/06/2012

May 14, 2012

Dedicated to life...

बंधा हूँ
रिश्तों के बंधन  में
तो ज़िंदा हूँ 

इच्छाओं के
जंगल में घूमता हूँ
तो ज़िंदा हूँ 

भावनाओं से 
अपनी मैं खेलता हूँ 
तो ज़िंदा हूँ 

कोशिश  है 
ज़िन्दगी को देखने की 
तो ज़िंदा हूँ 

बंधा हूँ 
घहरे अरमानों से 
बंधा हूँ
और पैमानों से 
बंधा हूँ 
सराबोर मयखानों से 

नशे में हूँ इतना 
इसलिए 
तो ज़िंदा हूँ 

दम भरता हूँ 
अहंकार का

कर लेता हूँ 
सजदा सरकार का 

असंतुलन में 
बंधा हूँ 
तो ज़िंदा हूँ 

नासमझी के बिस्तर पर
लेटा हूँ 
अँधेरी सी गलियों में
खोया हूँ 
तकलीफ में हूँ 
इसलिए 
तो ज़िंदा हूँ 

खुल गया होता 
इच्छाओं, भावनाओं, अरमानों से 

छूट गया होता 
मैं से, पैमानों, मयखानों से 

समझा ही होता 
तकलीफ को अगर 
अँधेरा मिट गया होता 
संतुलित हो गया होता 
तो न जाने

कब का 
मर गया होता

कब का 
मिट गया होता 


धन्यवाद 
- हरीश 
11-05-2012

April 3, 2012

सब नया - नया सा है

न अच्छा है,
न बुरा है,
सब नया - नया सा है,


चल रहा है सब,
हँसते - हँसते,
दिल की गहराइयों में सब,
खुला - खुला सा है,

न कल में फंसा है मन,
न कल की सोच रहा है,
आज की मस्ती में,
मस्त,
सब चल रहा है,
न अच्छा है,
न बुरा है,
सब नया नया सा है,


अज्ञात से पलों में,
अनजान से क्षणों में,
जीने का,
मजा है,
न अच्छा है,
न बुरा है,
सब नया नया सा है,

जकड़ें थीं,
जंजीरें जो,
जीवन खुद ही उन्हें,
तोड़ रहा है,
अच्छा है,
न बुरा है,
सब नया नया सा है,


नदी की धारा सा,
जीवन निरंतर बह रहा है,
फूलों सी खुसबू सा,
जीवन हर पल महक रहा है,


न अच्छा है,
न बुरा है,
सब नया नया सा है,

हल्का हल्का शुरूर है,
बहका बहका जरूर है,
मन भी चंचल है मेरा,
दिमाग भी,
सोचने पे मजबूर है,


रसीला जीवन ये,
रस से भरपूर है,
पी रहा हूँ मैं,
जी रहा हूँ मैं,
पर,
न अच्छा है,
न बुरा है,
सब नया नया सा है,

कौन कहता है ?
खोज है उसकी,
जानते हैं हम,
वो नया - नया सा हैं,
हाँ,
नया - नया सा है !

न अच्छा है,
न बुरा है,
कुछ नया नया सा है !!

धन्यवाद
हरीश
०२-०४-२०१२













March 22, 2012

प्रेम का बस एक पल

एक पल,
बहकाए जो,

एक पल,
महकाए जो,

एक पल,
जो खुशियाँ लाये,

एक पल,
जो गुदगुदाए,

एक पल की,
तलाश है,

उस एक पल की ही,
आश है !

रंगीन हो, समां यहाँ,
संगीन हो, समां वहां,

आगोश तेरा हो यहाँ,
ये दिल भी डरता हो जवाँ,

उस पल में,
खो ही जाऊं मैं,

उस पल में,
रो ही जाऊं मैं,

खुश आंसुओं से, उन मेरे,
बस बह रहा हो प्यार ही,

उस प्यार के सैलाब में,
खुद को भिगोता जाऊं मैं,

उस एक पल की,
तलाश है,
उस एक पल की ही,
आश है,

है पता ये भी मुझे,
के पल वो होगा,
बेहतरीन,
कुछ बात होगी,
उसमें जो,
होगी बहूत ही,
महीन !

ख़ूबसूरत पल में उस,
इस आत्मा की प्यास को,
हर तरह,
बुझाऊ मैं,
बस खो ही उस में जाऊं मैं,


है मुझे ये भी पता,
के पल न होगा,
वो बड़ा,
न बुझ सकेगी प्यास ही,
न रुक सकेगी तलाश ही,

पर प्रेम का बस एक पल,
जिस के लिए,
ललचाऊं मैं,

सल्तनत का इस तेरी,
छोटा सा हिस्सा ही सही,

है हक मुझे हर आश का,
है हक मुझे तलाश का,
है हक के प्यासा भी रहूँ,
है हक के जी ललचाऊं मैं,


प्रेम का बस एक पल,
हाँ,
प्रेम का बस एक पल,

प्रेम के उस एक पल को,
प्रेम से पी जाऊं मैं !

पी जाऊं मैं,
जी जाऊं मैं !!!

धन्यवाद,
हरीश
२२/०३/२०१२.








March 7, 2012

और हो साथ तुम्हारा


स्वप्निल नगर हो,
लम्बा सफ़र हो,

हो तुम,
और साथ तुम्हारा,
तो और क्या चाहिए !

औंस की बुँदे हों,
तारों-सी पाँव में,

रंग-बिरंगी तितलियाँ,
खेलती हों राहों में,

फूल हों खिले-खिले,
मस्त-जवां चाहो में,


और हो तुम,
साथ हो तुम्हारा,
तो और क्या चाहिए !

मंदिरों की घंटियाँ हों,

प्रेम हो तन-बदन में,
प्रेम हो विशाल-मन में,

साथ में हो तुम,
और हो साथ तुम्हारा,
तो और क्या चाहिए !

हरे - भरे से वृक्ष हों,
हरी भरी सी छाँव भी,

प्रेम का संगीत हो,
चाह की निगाह भी,

वृक्ष भी हो चुप खड़ा,
दिमाग हो अलग पड़ा,

प्रेम की ही बात हो,
प्रेम से ही रात हो,

साथ हो तुम,
और हो साथ तुम्हारा,
तो और क्या चाहिए !

बादलों का गाँव हो,
मोहबत्तों की छाँव हो,


श्रृंगार हो बहार हो,
मस्त सी फुहार हो,


मस्त इस फुहार में,
रंगीन इस बहार में,

आँखे बंद,
हम - तुम,


और हो साथ तुम्हारा,
तो और क्या चाहिए !

धन्यावाद
8-3-2012



March 5, 2012

कुछ लोग हैं ?

कुछ लोग हैं,
हँसते हैं, मुस्कुराते हैं,
कुछ लोग हैं,
गम भी गुनगुनाते हैं,


कुछ लोग हैं,
पा के भी,
ना पा सके जो ?
कुछ लोग हैं,
बिन पाए,
सुब पा जाते हैं !


कुछ लोग चाहते हैं बस,
कुछ लोग मांगते है बस,
जद्दो जहद में दुनिया की इस,
कुछ ही लोग हैं,
जो तेरी रहमतों में आते हैं !


कुछ लोग जिनके दिल में हैं बहार,
कुछ लोग जिनके दिमाग में गुमार,
कुछ लोग बोलते हि नहीं ?
कुछ बिन कहे,
सब कुछ कह जाते हैं !


कुछ लोग हैं,
तसल्ली है वक़्त की जिन्हें,
कुछ लोग,
वक़्त को ही,
तसल्ली दे जाते हैं,

जमाने में इस दुआओं से,
काम चलाते हैं,
कुछ लोग,

कुछ लोग, इस जमाने में,
खुद ही दुआ बन जाते हैं !


कुछ ख़ास है मुझमे,
इस से कोई फर्क नहीं पड़ता,
कुछ लोग,
तमाचा मार के,
औकाद मुझे,
मेरी दिखाते हैं !

कुछ लोग हैं,
जिंदगी बहार हैं जिनकी,
कुछ लोग,
जीते हुए भी मर जाते हैं !

इल्जाम छोटी बात का,
तुझ को क्या दूँ,
ऐ खुदा ?

कुछ लोग छोटी बात में,
खुद को खुदा बताते हैं !!


धन्यावाद
17th Feb 2012








January 28, 2012

जो है, सो है !!

जो है,
सो है,
न बदला है कभी,
न बदलेगा,
न रुका है कभी,
न रुकेगा
जो है,
सो है ;

सोचो ,
भागो,
दौड़ लगाओ,
सबसे आगे निकल भी जाओ,
पहुँच के उस रूमानी शहर में,
फिर सोचोगे
जो है,
सो है;

जानता हूँ,
मानता हूँ,
कट जाएगा ये सफ़र भी,
मिल जायेगी मंजिल भी,
फिर कहेंगी हवाएं यें,
फिर कहेंगी फिजायें यें,
जो है,
सो है;

अहम् होगा तुझे कभी,
रहम करोगे तुम कभी,
कभी दिमाग होगा बोझिल,
रोओगे भी तुम कभी,
फिर सोचोगे,
फिर बोलोगे,
जो है,
सो है;

इस दुनिया के दो किनारों,
के बीच में हो तुम खड़े,
पानी बहता जाए
ले जाए
कभी इधर
कभी उधर,
लगे मंजिल मिल गयी,
आँखें खोले,
तो फिर वही;

कहे मन,
अब बस भी कर,
जो है, सो है !!

धन्यवाद
हरीश

११-०९-२०११


January 14, 2012

जीये जा रहे हैं !!


जीये जा रहे हैं,
रहगुजर में तेरी,
जीये जा रहे हैं,
की मिलेगा कहीं ?

देखतें हैं मौड़ पे,
जिंदगी के हर एक,
नहीं लगती भनक,
फिर भी कहीं तेरी !

तूं है भी सही ?
या परछाईयाँ है ,

तूं है भी कहीं ?
या तन्हाईयाँ हैं,

एहसास ही है बस,
या सच्चाईयां हैं ?

चंद दिनों की जिंदगी में,
उलझा मत !

चंद दिनों की जिंदगी में,
यूँ रुला मत !

मिल जा किसी मौड़ पे हँसते - हँसते,
चंद दिनों की जिंदगी में,
यूँ सता मत !

कैसे करें गुहार ?
कैसे करें पुकार ?
संत तो हम हैं नहीं,
ना बिलकुल गंवार !


पागलों ने पाया तुझे,
मस्त हो के,
मस्ती में,
बस रह गए हम,
सयानो की
बस्ती में,

हर खेल तेरा देखा,
हर मेल तेरा देखा,
दिखी तेरी झलक इनमे,
पर तुझको नहीं देखा !

कर दे काबिल तूं,
दे रहमती नजर वो,
देखे तुझे जो हर सु,
देखे तुझे जो हर सु !

कर दे काबिल तूं ,
की करें ऐलान ये,

के जी रहे है बस,
रहमतों में तेरी,
के जी रहे है बस,
नेमतों में तेरी !!


Good Night.
30th april 2011

January 10, 2012

ये नौकरी

क्या - क्या जतन करवाती है ये नौकरी,
आदमी को गधा बनाती है ये नौकरी,
जो काम न किया हो कभी,
वो काम भी करवाती है ये नौकरी !

न मिले नौकरी तो आदमी परेशान,
मिल जाए नौकरी तो आदमी परेशान,
परेशानी के साथ खुशियाँ भी लाती है,
ये नौकरी,
नौकरी, नौकरी, नौकरी ये नौकरी !

Month end आये तो रुलाती है ये नौकरी,
Begining of the month में हंसाती है ये नौकरी,
Girl Friend साथ है, क्यूंकि पास है नौकरी,
छुट जाए नौकरी तो भाग जाए छोकरी !

है जुड़े बहूत कुछ इस नौकरी के साथ,
बताया न जाए सुब कुछ,
कहीं छूट न जाए नौकरी,
नौकरी, नौकरी, नौकरी ये नौकरी !!

Thanks
04\02\2006