March 5, 2012

कुछ लोग हैं ?

कुछ लोग हैं,
हँसते हैं, मुस्कुराते हैं,
कुछ लोग हैं,
गम भी गुनगुनाते हैं,


कुछ लोग हैं,
पा के भी,
ना पा सके जो ?
कुछ लोग हैं,
बिन पाए,
सुब पा जाते हैं !


कुछ लोग चाहते हैं बस,
कुछ लोग मांगते है बस,
जद्दो जहद में दुनिया की इस,
कुछ ही लोग हैं,
जो तेरी रहमतों में आते हैं !


कुछ लोग जिनके दिल में हैं बहार,
कुछ लोग जिनके दिमाग में गुमार,
कुछ लोग बोलते हि नहीं ?
कुछ बिन कहे,
सब कुछ कह जाते हैं !


कुछ लोग हैं,
तसल्ली है वक़्त की जिन्हें,
कुछ लोग,
वक़्त को ही,
तसल्ली दे जाते हैं,

जमाने में इस दुआओं से,
काम चलाते हैं,
कुछ लोग,

कुछ लोग, इस जमाने में,
खुद ही दुआ बन जाते हैं !


कुछ ख़ास है मुझमे,
इस से कोई फर्क नहीं पड़ता,
कुछ लोग,
तमाचा मार के,
औकाद मुझे,
मेरी दिखाते हैं !

कुछ लोग हैं,
जिंदगी बहार हैं जिनकी,
कुछ लोग,
जीते हुए भी मर जाते हैं !

इल्जाम छोटी बात का,
तुझ को क्या दूँ,
ऐ खुदा ?

कुछ लोग छोटी बात में,
खुद को खुदा बताते हैं !!


धन्यावाद
17th Feb 2012








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