आज फिर जिंदगी ने ,
झकझोर दिया दिमाग को !
आज फिर दिखी एक उदास जिंदगी ,
जिंदगी जो कट गयी ,
अभावों के अँधेरे में !
जिंदगी जिसे न मिला सुकून ,
उम्र भर !
जिंदगी जो परेशान है ,
पहुँच के देहलीज पे मौत की !
शायद हर मोड़ पे तड़पाती है ये जिंदगी ,
शायद हर मोड़ पे रूलाती है ये जिंदगी !
न जाने क्यों उलझती है ये जिंदगी ,
और न जाने क्या क्या दिखाएगी ये जिंदगी !
आज फिर दिखी एक उदास जिंदगी ,
आज फिर दिखी एक उदास जिंदगी !
हरीश
27 /08/2006
झकझोर दिया दिमाग को !
आज फिर दिखी एक उदास जिंदगी ,
जिंदगी जो कट गयी ,
अभावों के अँधेरे में !
जिंदगी जिसे न मिला सुकून ,
उम्र भर !
जिंदगी जो परेशान है ,
पहुँच के देहलीज पे मौत की !
शायद हर मोड़ पे तड़पाती है ये जिंदगी ,
शायद हर मोड़ पे रूलाती है ये जिंदगी !
न जाने क्यों उलझती है ये जिंदगी ,
और न जाने क्या क्या दिखाएगी ये जिंदगी !
आज फिर दिखी एक उदास जिंदगी ,
आज फिर दिखी एक उदास जिंदगी !
हरीश
27 /08/2006
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