दिल्ली ,
लोग कहते दिलवालों की दिल्ली ,
हमारे लिए तो ईंट , पत्थर वालों की दिल्ली ,
कहीं भी देखो तुड़ाई हो रही है ,
खुदाई हो रही है ,
बन रही हैं मंजिलें , बन रहे है पुल ,
और हाँ ,
जहाँ देखो मेट्रो की जमाई हो रही है !
दिल्ली ,
लोग कहते दिलवालों की दिल्ली ,
हमारे लिए तो दिल्ली उनकी ,
जो खाकर पान, दिखते हैं अपनी हस्ती ,
पच्च से मारकर पिचकारी,
कहेंगे सॉरी ,
दिल्ली
उन रिक्शा वालों की ,
जो दस कदम के पच्चीस रूपए मांगते हैं ,
थक जाने का बहाना करके ,
दो बोतल अंदर डालते हैं !
आपस में लड़ते हैं ,
बीवी बच्चों को मारते हैं ,
रोज नए किस्से सुनाती ,
आशाओं और निराशाओं से भरी दिल्ली !
लेकिन लोग कहते हैं ,
दिलवालों की दिल्ली !!
हरीश
Sept 2006
लोग कहते दिलवालों की दिल्ली ,
हमारे लिए तो ईंट , पत्थर वालों की दिल्ली ,
कहीं भी देखो तुड़ाई हो रही है ,
खुदाई हो रही है ,
बन रही हैं मंजिलें , बन रहे है पुल ,
और हाँ ,
जहाँ देखो मेट्रो की जमाई हो रही है !
दिल्ली ,
लोग कहते दिलवालों की दिल्ली ,
हमारे लिए तो दिल्ली उनकी ,
जो खाकर पान, दिखते हैं अपनी हस्ती ,
पच्च से मारकर पिचकारी,
कहेंगे सॉरी ,
दिल्ली
उन रिक्शा वालों की ,
जो दस कदम के पच्चीस रूपए मांगते हैं ,
थक जाने का बहाना करके ,
दो बोतल अंदर डालते हैं !
आपस में लड़ते हैं ,
बीवी बच्चों को मारते हैं ,
रोज नए किस्से सुनाती ,
आशाओं और निराशाओं से भरी दिल्ली !
लेकिन लोग कहते हैं ,
दिलवालों की दिल्ली !!
हरीश
Sept 2006
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