March 11, 2018

क्या  है जीवन  ?







जब कभी सोचता हूँ ,
क्या है जीवन ,!

जवाब नहीं आता कोई ,
अंतर मन से !

बचपन बीता
समझ न आया ,
क्या है जीवन !

आयी जवानी 
समझ न आया ,
क्या है जीवन !
भरा दुखों से ,
समझ न आया ,
क्या है जीवन !

सुख की आशा , समझ न आया ,
क्या है जीवन 

न मिला जवाब अपने मन से ,
न कोई समझा पाया ,
क्या है जीवन !

कुछ कहते चक्र ग्रहों का ,
कुछ कहते भाग्य का फल ,
कुछ कहते हैं कर्म तुम्हारे ,
कुछ कहते खेल है जीवन !

क्या है ?
क्यों है ?
कैसी है ?
ये मन की उलझन !

आओ कोई ,
समझा दो मुझे ,

क्या है जीवन। ....... 
क्या है जीवन ...... 
क्या है जीवन !!!!



हरीश 
15/11 /2005






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