मिल जाए बस वो एक क्षण
तन का प्यासा ,
मन का प्यासा ,
मैं आवारा बंजारा !
जीवन के हर धन का प्यासा ,
मैं आवारा बंजारा !
प्यास मुझे हर एक उस क्षण की ,
जिसमे छुपा हो जीवन ,
प्यास मुझे हर एक उस पल की ,
जिसमे हो जीवन के कुछ क्षण ,
प्यास मुझे उस परम पिता की ,
जिसने रचा ये जीवन ,
प्यास बुझे इस तन, मन , धन की,
प्यास बुझे उस परम धरम की ,
प्यास बुझे मोहक जीवन की ,
मिल जाए बस वो एक क्षण ,
जिसमे छुपा हो जीवन !
हरीश !
30 05/2007
तन का प्यासा ,
मन का प्यासा ,
मैं आवारा बंजारा !
जीवन के हर धन का प्यासा ,
मैं आवारा बंजारा !
प्यास मुझे हर एक उस क्षण की ,
जिसमे छुपा हो जीवन ,
प्यास मुझे हर एक उस पल की ,
जिसमे हो जीवन के कुछ क्षण ,
प्यास मुझे उस परम पिता की ,
जिसने रचा ये जीवन ,
प्यास बुझे इस तन, मन , धन की,
प्यास बुझे उस परम धरम की ,
प्यास बुझे मोहक जीवन की ,
मिल जाए बस वो एक क्षण ,
जिसमे छुपा हो जीवन !
हरीश !
30 05/2007
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