दर्शन
आज सुबह जब मैं बैठा ध्यान में ,
अंदर से एक आवाज आयी,
कहती,'' तुम बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ने वाले हो !''
पहले तो मेरा मन लगा खाने हिचकोले ,
लो भई आ गयी मुसीबत ,
अंतर आत्मा ने कहा लो भई ,
अब तो आ गयी मुसीबत ,
मैंने झट से आँख खोली,
और बैठ गया सोचने ,
जो गलत काम मेरी जिंदगी में ,
किये थे मैंने,
वो सब याद आये !
जो गलत हो सकता है मेरे साथ ,
उसने भी मेरे मन में,
जी भर के शिरकत की !
और फिर उस कश्मकश में ,
एक विचार और आया , कि इस जीवन में ,
इस जीवन से बड़ी भी कोई मुसीबत है !
हर दिन जीवन जीने के लिए ,
मुसीबतो से ही तो लड़ना पड़ता हैं !
एक और सही !
और जिंतनी बड़ी मुसीबत ,
उतना शशक्त जीवन ,
इस विचार से मन में शांति की घंटियाँ बजी !
और मैं उठ खड़ा हुआ ,
जीवन में आने वाली उस मुसीबत से ,
लड़ने के लिए !!
हरीश
17 /11 /2006
आज सुबह जब मैं बैठा ध्यान में ,
अंदर से एक आवाज आयी,
कहती,'' तुम बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ने वाले हो !''
पहले तो मेरा मन लगा खाने हिचकोले ,
लो भई आ गयी मुसीबत ,
अंतर आत्मा ने कहा लो भई ,
अब तो आ गयी मुसीबत ,
मैंने झट से आँख खोली,
और बैठ गया सोचने ,
जो गलत काम मेरी जिंदगी में ,
किये थे मैंने,
वो सब याद आये !
जो गलत हो सकता है मेरे साथ ,
उसने भी मेरे मन में,
जी भर के शिरकत की !
और फिर उस कश्मकश में ,
एक विचार और आया , कि इस जीवन में ,
इस जीवन से बड़ी भी कोई मुसीबत है !
हर दिन जीवन जीने के लिए ,
मुसीबतो से ही तो लड़ना पड़ता हैं !
एक और सही !
और जिंतनी बड़ी मुसीबत ,
उतना शशक्त जीवन ,
इस विचार से मन में शांति की घंटियाँ बजी !
और मैं उठ खड़ा हुआ ,
जीवन में आने वाली उस मुसीबत से ,
लड़ने के लिए !!
हरीश
17 /11 /2006
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